jallianwala bagh hatyakand

दोस्तों आज हम बात करने वाले है jallianwala bagh hatyakand ( पंजाब ) मे हुई दुखदायक घटना के बारे में

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jallianwala bagh hatyakand kab hua

जे बात है 13 अप्रेल 1919 पंजाब के जिले अमृतसर की, उस दिन पंजाब का मुख्य तोहार बाश्खी का दिन था, सब लोग बाश्खी का तोहार बड़े ही उत्साहित से मना रहे

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जल्लेयांवाले बाग में हत्याकांड का  कारण

क्रांतिकारियों ने गोल्डन टेम्पल से 500 मीटर की दुरी स्थित्त  जल्लियांवाला में ब्रिटिश सरकार  के खिलाफ में मीटिंग बुलाई थी |

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शहीदों  की गिणती

ब्रिटिश सरकार की इस द्रिन्दगी से लगभग 1 हजार आन्दोलनकारी शहीद हो गए और 2 हजार लोग गायाल हो गए , 26000 स्केयर मीटर में फेला जल्लेयांवाला बाग निहते लोगो के खून से लाल हो गया,

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गोलियों के निशान

अमृतसर में आने वाले पर्यटक जल्लेयांवाले बाग में जरुर जाते है और उस समय चली गोलियों के निसान अभी भी दीवारों पर लगे साफ दिखाई देते है

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ख़ूनी  कुहवा

जब जलयांवाले बाघ में गोली चली तब भागते हुवे आंदोलनकारियों ने गोली से बचने के लिए इस कुह्वा में कूदना सुरु किया और एक दूसरे के ऊपर कूदने से पूरा कुह्वा ऊपर तक बार गया,तबसे इसका नाम खुनी कुहवा है 

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घटना को याद करना

दोस्तों हमरे क्रांतिकारियों के खून से ही तो देश आजाद है,उन देश के प्रेमियों को  हर साल 13 अप्रैल को जरूर याद  करे ,इसके बारे और भी जानकारी चाहिए तो निचे continue बटन पर क्लिक करे |

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