अमृतसर का स्वर्ण मंदिर में एक बहुत बड़ा लंगर हाल है जहा पर हजारों की संखेया में आने वाले सर्दालुयों और तीर्थयात्रियों लिए दैनिक भोजन प्रदान करता है
जहां 13 अप्रैल, 1919 को ब्रिटिश सासक जनरल डायेर ने निहत्थे भारतीय प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर गोलीबारी की थी
गोलियों से बचने के भगदड़ में लोग गोलियों से बचने के लिए कुएं में सलंग लगा दी एक ऊपर एक कूदने से पूरा कुह्वा लासों से ऊपर तक बार गया | जिसे आज खूनी कुह्वा कहा जाता है |